घटना
हरिद्वार के मन्सा देवी मंदिर में भारी भीड जमा होने के बाद भगदड़ मचती है। जिसमें 6 लोगों की जान चली गई है, कई लोग इसमें घायल हुए हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, इस वक्त राहत बचाव का काम जारी है। घटना स्थल के लिए इस वक्त प्रशास्निक अमला रवाना जो हो चुका था, पहुँच गया है। कुछ लोग, कुछ टीमें और पहुँचेंगी। इस वक्त रेस्क्यू ओपरेशन जारी है, लेकिन अभी पूरी तस्वीर साफ नही हो पाएगी। प्रात्मिक्ता यही है कि जो लोग घायल होए हैं, एक एक करके सभी को अस्पताल पहुचाया जा रहा है। ये जानकारी जो मिली है कि मन्सा देवी मंदिर में जो भगदड़ होती है, उसके बाद कई लोग घायल हैं। 6 लोगों की जान चली गई है। इस वक्त रेस्क्यू ओपरेशन जारी है, कोशिश यही है कि जल्द से जल्द लोगों को अस्पताल पहुचाया जा सके।
मन्सा देवी मंदिर जिसकी काफी मान्यता है, हरिद्वार का ये प्रसिद मंदिर है। 6 लोगों की इसमें मौत हो गई है। भगदड़ मचती है, राहत बचाव का कार्य जारी है। अधिक जानकारी का इंतजार करना होगा। लेकिन आज रवीवार का दिन है, ऐसे में भीड वहाँ पर काफी ज्यादा थी, जिस कारण से ये हादसा हुआ है।
मन्सा देवी का मंदिर
तो मन्सा देवी का मंदिर जो कि हरिद्वार में प्रसिद हिंदू मंदिर है, देवी मन्सा को ये मंदिर समर्पित है। ये मंदिर श्वालिक पहाडियों के बिल्वाप परवत पर मौझूद है। और मन्सा देवी को देवी शक्ती का एक रूप कहा जाता है। इसकी महत्व के बारे में अगर हम आपको बताएं, तो ये 52 शक्ती पीठों में से एक है। और यात्री यहां पर भक्त मनुकामनाय लेकर आते हैं और धागा बानते हैं। धागा बानने की यहां पर परंपरा है। आप मंदिर तक पैदल पहुँच सकते हैं, रज्जुमार्ग के माध्यम से पहुँच सकते हैं, या फिर गाड़ी से भी जा सकते हैं। इसके आसपास ही चंडी देवी मंदिर है, माया देवी मंदिर है, वहां भी भक्त पहुँचते हैं। हरिद्वार में जो लोग भी पहुँचते हैं, उनकी कोशिश यही रहती है कि मन्सा देवी मंदिर में भी माथा टेका जाये।
इनके अन्य नाम भी है : वैष्णवी, पद्मावती, नागेश्वरी, विषहारा और देवी का रूप इन्हें कहा जाता है।
और मन्सा देवी को भगवान शिव की मानस पुत्री कहा जाता है, इन्हें काफी गुस्से वाली देवी समझा जाता है क्योंकि इन्हें परिवार से काफी उपेख्शित होना पड़ा है। लेकिन इन्हें पहले माता पिता से ये वर्दान मिला है कि इनकी पूजा करने वाले की मनो कामना अवश्य पूरी होगी। ऐसे में भक्त यहां पर पहुंचते हैं और यहां पर ये हादसा होता है।
घटना स्थल
रविवार का दिन, छुट्टी का दिन, भीड ज्यादा थी और इस वजह से भगदड़ मचती है। 6 श्रधालों की जान चली गई हैं, अब उनकी पहचान होगी कि क्या ये हरिद्वार के ही श्रधालू थे या दूसरे इलाकों से यहां पर पहुंचे थे। और ये दुखद हादसा, प्रशास्निक अमला इस वक्त मौके पर मौझूद है। जो लोग मन्सा देवी मंदिर गए हैं, उनको मालुम है कि किस तरह की व्यवस्ता वहां पर है। लेकिन हिंदू धर्म में इस मंदिर का विशेश महत्व है।
धागा यहां पर बांधा जाता है।
घयालो के परिवार वाले परेशान हैं। और उनका परेशान होना सोभाविक भी है। और इस वक्त प्रात्मिक्ता यही है कि जल्द से जल्द उपचार मिल पाए। लेकिन दुखत मौत भी इसमें कई लोगों की हुई है। कुछ लोगों को परिष्कृत भी महसूस हुआ।
इतिहास
तो मन्सा देवी का इतिहास भी हम आपको बता रहे हैं। दरसल मन्सा देवी को भगवान शिव की मानस पुत्री कहा जाता है। और इन्हें अपने माता पिता से यह वरदान मिला है कि इनकी पूजा करने वाले की मनुकामना अवश्य पूरी होती है। मन्सा देवी सर्प और कमल पर विराजमान होती है।
इस वक्त की कोशिश
यहीं पर यह दुखत हादसा सामने आया है। क्या कारण रहे और इन हादसों से सबक भी लेना होगा कि भविष्य मे ऐसे हादसे ना हो, ऐसे भगदड़ ना मचे। लेकिन जब तक कारण सामने नहीं आते हैं, तस्वीरे सामने नहीं आती हैं, उससे पहले कुछ भी कहना जल्दीबाजी होगा। आधिकारिक आंक्रों का हमें इंतजार भी करना होगा, लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि कई लोगों की जाने गई हैं। काफी लोग घायल भी हुए हैं। यह इस वक्त रेस्क्यू टीम युद्धस्तर पर काम में जुटी हुई है। जो स्थानी लोग हैं, वो भी मदद के लिए पहुंचे हुए हैं, ताकि इलाज में देरी ना हो, और समय रहते लोगों को इलाज मिल पाएं, ये इस वक्त कोशिश हो रही है।
आगे की कार्रवाई
प्रसासन ने फिल्हाल वहाँ पर हालात को संभाल लिया है। अब बैचर्स में जो दर्शनार्थी हैं उनको भेजा जा रहा है। छे लोगों की मौत की पुष्ट खबर वहां से आ रही है। सावन में ये हरिद्वार के बाद लोग इस जगह मन्सा देवी के दर्शन करते हुए वापस लोटते हैं। और ऐसे में इन दिनों हर साल वहां पर भीड रहती है। पर इस तरीके के हाथसे कभी पेश नहीं आये हैं। ऐसे में भगडर होने की वज़य से ये हाथसा यहां पर हुआ है। लेकिन जो जानकारी मिल रही है तो मंदिर प्रसाषन की तरफ से अब स्थितियों को कंट्रोल में कर लिया गया है। और अब एक एक करके लोगों को बैचर्स वाईस भेजा जा रहा है। सारी भीड को एक साथ नहीं जाने दिया जा रहा है। मंदिर खुला हुआ है और दर्शन वहां पर हो रहे हैं। तो ऐसे में प्रसाशन के तरफ से क्या कमिया रह गई, क्या गलतिया रह गई, उस पर जरूर बात होगी।
हाल फिलहाल में ऐसी कोई घटना याद नहीं आती है। मन्सा देवी मंदिर की खास तोर पर जहां पर कभी इस तरही की कोई घटना नहीं हुई हो।
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